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अलर्ट! Mobile Loan Apps से रहें दूर, नहीं तो हो जाएंगे फर्जीवाड़े का शिकार, जाने एक्सपर्ट की राय

अगर आप अवैध तरीके से चल रहे ऑनलाइन और मोबाइल एप्स से लोन ले रहे हैं तो सावधान हो जाइए. आपको इस लोन के कारण आत्महत्या तक करना पड़ सकता है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

mobile loan apps
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Published : Dec 30, 2020, 10:36 PM IST

Updated : Dec 31, 2020, 8:10 PM IST

पटना: पिछले कुछ दिनों से एक नई तरह की ठगी का मामला सामने आया है. देश के कई बड़े शहरों में लोन एप के जरिए ठगी की जा रही है. इन लोन एप के माध्यम से छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी रकम आपके बैंक खाते में आसानी से ट्रांसफर की जाती है. एप के माध्यम से जितना ही ये लोन लेने में आसान है, उससे कहीं ज्यादा लोग इसमें ठगी का शिकार हो रहे हैं.

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ईटीवी भारत(GFX)

साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरभ की माने, तो बिहार में इस तरह का एक भी मामला देखने को नहीं मिला है. बिहार के बाहर साउथ में खासकर हैदराबाद में दो तीन मामले इससे जुड़े मिले हैं, जहां पर पैसे समय पर वापस नहीं करने पर ग्राहक के मोबाइल को हैक करके उनके कॉन्टैक्ट्स फैमिली मेंबर क्लिक्स को मैसेज करके तंग किया जाता है. इस वजह से कुछ लोगों की जान तक चली गई है. अविनव सौरभ ने आम जनता को इस तरह के एप के झांसे में ना आने की सलाह दी है.

ईटीवी भारत GFX
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जानें हैदराबाद का मामला
बता दें कि हैदराबाद में आत्महत्या का तीन मामला सामने आया था. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी के बिना 30 मोबाइल ऐप्स से लोगों को 35% की ब्याज दर पर लोन दिया जाता था. मतलब तीन महीने में पैसा दोगुना हो जाता था. लोन की किस्त समय पर नहीं चुकाने पर ये मोबाइल ऐप्स कर्जदारों को डराते-धमकाते थे. इन धमकियों और उत्पीड़न से परेशान होकर जब तीन लोगों ने हैदराबाद में आत्महत्या कर ली, तब इस मामले का खुलासा हुआ.

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'करोना काल के समय में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा जो पैकेज देशवासियों को दिया गया था. उस समय उनके द्वारा बताया गया था कि लगभग 8 करोड़ लोग देश में बेरोजगार हुए थे, हालांकि सीएमआई के रिपोर्ट के अनुसार लगभग 14 करोड़ लोग बेरोजगार होकर सड़क पर थे, जिसमें लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म वाले लोग भी शामिल थे. करोना संकट अभी पूर्ण रूप से टला नहीं है और लोगों को काफी हद तक अभी भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है': डीएम दिवाकर, अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ

देखें रिपोर्ट.

क्या कहते हैं एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की माने तो कोरोना काल के दौरान काफी संख्या में लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा है, जिस वजह से लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से डिजिटल माध्यम से सर्च करना शुरू किया, ज्यादातर लोग गूगल के माध्यम से सर्च करने लगे हैं. बिहार में इस तरह के ऐप का असर नहीं हुआ है. यहां पर पुलिस के पास ऐसे एक भी मामले सामने नहीं आए हैं.

Expert advised
बिहार पुलिस द्वारी जारी संदेश.

आरबीआई ने किया लोगों को सतर्क
बीते दिनों में आरबीआई ने उन सभी लोगों को चेतावनी जारी की है, जिन्होंने किसी अनऑथराइज्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए या फिर मोबाइल एप से लोन के लिए अप्लाई किया है. आरबीआई ने कहा है कि ऐसा देखा जा रहा है कि लोग फटाफट लोन पाने के चक्कर में डिजिटल फर्जीवाड़े का शिकार हो रहे हैं.

साइबर एक्सपर्ट की सलाह

करें ऑनलाइन शिकायत
RBI ने कहा कि लोग ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और मोबाइल ऐप से लोन लेने से बचें. लोन देने वाली ऐसी कंपनियों के बारे में अगला-पिछला जरूर चेक कर लें. ऐसी कंपनियां ग्राहकों से ज्यादा ब्याज वसूलती हैं, साथ ही इनमें कई तरह के छिपे हुआ चार्ज होते हैं, जो ग्राहकों को शुरू में पता नहीं होते. फोन के जरिए आपके पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है. इस https://sachet.rbi.org.in/ पर जाकर भी शिकायत कर सकते हैं.

पटना: पिछले कुछ दिनों से एक नई तरह की ठगी का मामला सामने आया है. देश के कई बड़े शहरों में लोन एप के जरिए ठगी की जा रही है. इन लोन एप के माध्यम से छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी रकम आपके बैंक खाते में आसानी से ट्रांसफर की जाती है. एप के माध्यम से जितना ही ये लोन लेने में आसान है, उससे कहीं ज्यादा लोग इसमें ठगी का शिकार हो रहे हैं.

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साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरभ की माने, तो बिहार में इस तरह का एक भी मामला देखने को नहीं मिला है. बिहार के बाहर साउथ में खासकर हैदराबाद में दो तीन मामले इससे जुड़े मिले हैं, जहां पर पैसे समय पर वापस नहीं करने पर ग्राहक के मोबाइल को हैक करके उनके कॉन्टैक्ट्स फैमिली मेंबर क्लिक्स को मैसेज करके तंग किया जाता है. इस वजह से कुछ लोगों की जान तक चली गई है. अविनव सौरभ ने आम जनता को इस तरह के एप के झांसे में ना आने की सलाह दी है.

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जानें हैदराबाद का मामला
बता दें कि हैदराबाद में आत्महत्या का तीन मामला सामने आया था. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी के बिना 30 मोबाइल ऐप्स से लोगों को 35% की ब्याज दर पर लोन दिया जाता था. मतलब तीन महीने में पैसा दोगुना हो जाता था. लोन की किस्त समय पर नहीं चुकाने पर ये मोबाइल ऐप्स कर्जदारों को डराते-धमकाते थे. इन धमकियों और उत्पीड़न से परेशान होकर जब तीन लोगों ने हैदराबाद में आत्महत्या कर ली, तब इस मामले का खुलासा हुआ.

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'करोना काल के समय में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा जो पैकेज देशवासियों को दिया गया था. उस समय उनके द्वारा बताया गया था कि लगभग 8 करोड़ लोग देश में बेरोजगार हुए थे, हालांकि सीएमआई के रिपोर्ट के अनुसार लगभग 14 करोड़ लोग बेरोजगार होकर सड़क पर थे, जिसमें लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म वाले लोग भी शामिल थे. करोना संकट अभी पूर्ण रूप से टला नहीं है और लोगों को काफी हद तक अभी भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है': डीएम दिवाकर, अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ

देखें रिपोर्ट.

क्या कहते हैं एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की माने तो कोरोना काल के दौरान काफी संख्या में लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा है, जिस वजह से लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से डिजिटल माध्यम से सर्च करना शुरू किया, ज्यादातर लोग गूगल के माध्यम से सर्च करने लगे हैं. बिहार में इस तरह के ऐप का असर नहीं हुआ है. यहां पर पुलिस के पास ऐसे एक भी मामले सामने नहीं आए हैं.

Expert advised
बिहार पुलिस द्वारी जारी संदेश.

आरबीआई ने किया लोगों को सतर्क
बीते दिनों में आरबीआई ने उन सभी लोगों को चेतावनी जारी की है, जिन्होंने किसी अनऑथराइज्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए या फिर मोबाइल एप से लोन के लिए अप्लाई किया है. आरबीआई ने कहा है कि ऐसा देखा जा रहा है कि लोग फटाफट लोन पाने के चक्कर में डिजिटल फर्जीवाड़े का शिकार हो रहे हैं.

साइबर एक्सपर्ट की सलाह

करें ऑनलाइन शिकायत
RBI ने कहा कि लोग ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और मोबाइल ऐप से लोन लेने से बचें. लोन देने वाली ऐसी कंपनियों के बारे में अगला-पिछला जरूर चेक कर लें. ऐसी कंपनियां ग्राहकों से ज्यादा ब्याज वसूलती हैं, साथ ही इनमें कई तरह के छिपे हुआ चार्ज होते हैं, जो ग्राहकों को शुरू में पता नहीं होते. फोन के जरिए आपके पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है. इस https://sachet.rbi.org.in/ पर जाकर भी शिकायत कर सकते हैं.

Last Updated : Dec 31, 2020, 8:10 PM IST
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